एक सुबह की तमन्ना है
जब गाड़ी की गड़गड़ाहट नहीं
पंछियों की कुलाहल से नींद टूटे…
जब बाहर आएं तो हल्का हल्का कोहरा हो,
जमीन पर फूलों की बरसात हो..
हवाओं में उसकी सुगंध महके।
एक सुबह की तमन्ना है
जब सुबह एक सुन्दर शुरुआत हो,
नाकि दौड़ भाग की बात हो,
एक सुबह ऐसी हो, जहाँ जीने का दिल करे
दोनों बाहें खोलके उस सुबह से प्यार करे।


Discover more from Debasish Sinha | Author | Entrepreneur

Subscribe to get the latest posts to your email.